काश कि रउरा बकरी होखतीं.
हम रउरा के प्यार से घास खियईतीं
आ फेर प्यार से सींग पकड़ के हिलइतीं
आ पूछतीं
चुटपुटिहा के भेजी ?
आ रउरा मिमियतीं मैं.. मैं…. मैं….
उम्मीद नइखे तबहियो जियत जात बानी.
खाली बा बोतल तबहियो पियल जात बानी.
हिम्मत देखऽ हमार, रिस्पांस मिलत नइखे
तबहियो चुटपुटिहा लिखत जात बानी.
बहत गंगा में हाथ जरुर धोवे के चाहीं,
बड़ा पुन्न होला!
खइले के ना हऽ, पचवलो के हऽ
काजर कइले के ना हऽ, मटकवलो के हऽ.
मन मगन रहतावे, सुन्दर लागऽता दुनिया.
जब से खुलल बा वेबसाइट अँजोरिया.
भले चाँद सूरज में गरहन लागत रहे,
या अल्लाह कयामत ले अँजोरिया सलामत रहे.
मेहरारू अपना मरद से पुछलसि,
सुहागराति मे जब पहिलका हालि हमरा के देखलऽ त तहरा कईसन लगनी?
मरद जवाब दिहलसि,
हम त मरिये गईल रहितीं अगर
हमरा हनुमान चालीसा ईयाद ना रहल रहित!